सोच सकारात्मक रख मंजिल छूती, ऊँचे भाव उपजवा, जज़्बा ऊँचा रखती। सोच सकारात्मक रख मंजिल छूती, ऊँचे भाव उपजवा, जज़्बा ऊँचा रखती।
मेरे या तुम्हारे अब अधीन ना हैं औरतें। मेरे या तुम्हारे अब अधीन ना हैं औरतें।
कुछ नहीं बस मुझे आकाश की ऊंचाई छूने की इच्छा है। कुछ नहीं बस मुझे आकाश की ऊंचाई छूने की इच्छा है।
काश बादलों के ऊपर, घर मैं बनाता काश बादलों के ऊपर, घर मैं बनाता
सच बोलो तो डर लगता है सच बोलो तो डर लगता है
सरदार भगत सिंह जयंती के अवसर अवसर पर वीर शहीद को सादर नमन सरदार भगत सिंह जयंती के अवसर अवसर पर वीर शहीद को सादर नमन